पटना : बिहार दिवस के अवसर राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने की घोषणा कर दी है। राज्य सरकार की इस घोषणा से 88 नियोजनों में काम करने वाले असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी में इजाफा हो जाएगा। सरकार ने इस संदर्भ में अधिसूचना जारी कर दी है। जारी अधिसूचना के मुताबिक अकुशल मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी 119 रुपये से बढ़कर 125 रुपये कर दी गयी है। बढ़ी हुई दर 1 अप्रैल 2011 से लागू हो जाएगी। श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी के निर्देश पर विभाग के संयुक्त सचिव आरसी चौधरी ने मजदूरों के लिए 7 प्रतिशत परिवर्तनशील महंगाई भत्ता बढ़ाए जाने की घोषणा की। गांधी मैदान में सजे श्रम संसाधन विभाग के स्टॉल में पत्रकारों को संबोधित करते हुए श्री चौधरी ने कहा कि पांच हजार लोगों ने यहां बाल श्रमिक से काम न लेने के लिए शपथ-पत्र भरा है। उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को बाल श्रमिक से काम लेने की जानकारी मिलती है तो वह हेल्पलाइन नम्बर 0612-2231918 पर सूचना दे सकते हैं। बिहार दिवस के समापन अवसर पर राज्य बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष रामदेव प्रसाद विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। श्रम संसाधन विभाग के ताजा फैसले से मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी में 7 प्रतिशत परिवर्तनशील महंगाई भत्ता का इजाफा किया गया है, जिससे अकुशल मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी 125 रुपये हो गई है। फिलहाल ऐसे मजदूरों को 119 रुपये मजदूरी मिलती है। नीतीश सरकार हर छह महीने पर न्यूनतम मजदूरी की समीक्षा करती है। 1 अक्टूबर 2010 से मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी 119 रुपये लागू है। अक्टूबर के बाद अब 1 अप्रैल 2011 से न्यूनतम मजदूरी की नयी दर लागू करने संबंधी अधिसूचना जारी की गई है। उल्लेखनीय है कि नीतीश सरकार के दौरान प्रदेश के मजदूरों के न्यूनतम वेतन में रिकार्ड 9वीं बार समीक्षा हुई है, जिसके कारण उनका न्यूनतम वेतन पिछले पांच वर्षो में 68 रुपये से बढ़कर 125 रुपया हो गया है। जनवरी-जून 2003 के सूचकांक के आधार पर प्रदेश के मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी 68 रुपये थी परंतु समय समय पर परिवर्तनशील मंहगाई दर के इजाफा होने से बिहार के श्रमिकों की मजदूरी 1 अप्रैल 2007 से 81 रुपये तय की गई थी। अब सरकार के ताजा फैसले से उन्हें 125 रुपये मजदूरी मिलने लगेगी।
No comments:
Post a Comment