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Thursday, November 24, 2011
Thursday, October 6, 2011
Sunday, September 25, 2011
Monday, September 19, 2011
भूकंप से हिला उत्तर भारत
कल शाम आए भूकंप ने उत्तर-पूर्व के राज्यों में भारी तबाही मचाई है। भूकंप से मरने वालों की संख्या 29 हो गई है। अकेले सिक्किम में 19 लोगों की मौत की खबर है। सिक्किम की ज्यादातर सड़कें बंद हैं। ऊपर से पिछले 24 घंटों से लगातार बारिश के चलते बचाव अभियान धीमा पड़ गया है।
जमीन खिसकने की वजह से भी पहाड़ी रास्ते बंद हैं, तो कई जगहों पर सड़कों में दरार आने से कुछ इलाके कट गए हैं। कुछ इलाकों में बिजली बहाल हो गई है। खबर के मुताबिक नॉर्थ सिक्किम में सबसे ज्यादा क्षति हुई है। हाइवे में दरार आने से अभी तक राष्ट्रीय आपदा टीम गंगटोक नहीं पहुंच पाई हैं। वहीं भूकंप से बाकी जिलों में कितना नुकसान हुआ है, इसका अंदाजा नहीं लग पाया है।
सेना की लापता बस का पता लग गया है। सेना के सभी जवान सुरक्षित हैं। इस बीच, प्रधानमंत्री ने मरने वालों के परिवार को दो लाख और घायलों को एक लाख रुपये देने का ऐलान किया है। बचाव अभियान में सेना के करीब 5500 जवान तैनात हैं, जो कि फंसे हुए लोगों को निकालने और सड़कें खोलने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
राहत अभियान में जुटी सेना ने भूकंप से प्रभावित लोगों के लिए सिक्किम में बड़े-बड़े टेंट लगाए हैं, जिनमें लोगों को खाना मुहैया कराया जा रहा है। ITBP ने पेगगॉन्ग कैंप में 300 नागरिकों और 22 सैलानियों को सुरक्षित बाहर निकाल कर उनके लिए छत का इंतजाम किया। भूकंप की वजह से ठप हुई टेलीफोन लाइनें की वजह से सेना नॉर्थ और वेस्ट सिक्किम में अपनी टीमों से संपर्क नहीं बना पा रही है।
सड़कें जाम होने की वजह से आर्मी ने अपने पैदल दस्तों को सड़कों पर उतार दिया है, ताकि प्रभानित इलाकों में जल्द से जल्द मदद पहुंचाई जा सके। पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में भी भूकंप से खासा नुकसान हुआ है। यहां से सिक्किम की ओर जाने वाली तमाम सड़कें बंद हैं। भूकंप से दार्जिलिंग के कई इलाकों में जमीन खिसकने और भारी बारिश से सड़क संपर्क टूट गया है। कलीमपोंग में दो लोगों की मौत हुई है। भूकंप के बाद दार्जिलिंग के कई इलाकों में बिजली चली गई थी, जो आज सुबह बहाल हो गई।
सिलीगुड़ी और दार्जिलिंग में भूकंप से प्रभावित लोगों को राहत मुहैया कराने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद हालात पर नजर रख रही हैं। बंगाल में भूकंप से 5 लोग मारे गए हैं। राज्य सरकार ने मरनेवाले लोगों के परिवार के 2−2 लाख रुपये बतौर मुआवजा देने का ऐलान किया है।
भूकंप के झटके बिहार में भी महसूस किए गए और इस दौरान कच्चे मकानों की दीवार गिरने और अफरा-तफरी के कारण राज्य भर में 7 लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य लोग घायल हो गए। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रविवार की शाम करीब 6.13 बजे राज्य भर में विभिन्न स्थानों पर 10 सेकेंड से अधिक समय तक भूकंप के झाटके महसूस किए गए। उन्होंने बताया कि नवादा और किशनगंज जिले में भूकंप के झटकों के कारण दीवार गिरने की विभिन्न घटनाओं में 10 अन्य लोग घायल हो गए।
जिला के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रभारी बालमुकुंद प्रसाद ने बताया दरभंगा में सबसे अधिक चार लोगों की मौत हुई है। जिले के बहादुरपुर थाना अंतर्गत तरौनी गांव में अफरा तफरी के कारण गिरने से 16 वर्षीय मोहम्मद वसीम की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि जिले के केवटी थाना क्षेत्र में बिरानी गांव में समुद्री देवी नामक एक महिला का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
कुशेश्वरस्थान थाना क्षेत्र में उसरी गांव में झटकों के कारण भयभीत होकर तालाब में कूद जाने से चंद्रा देवी नामक एक महिला की डूबकर मौत हो गई। दरभंगा में कमतौल थाना क्षेत्र में ही एक अन्य घटना में सुरक्षित स्थान पर आश्रय के लिए जाने के प्रयास में दीवार से टकराकर कामेश्वर ठाकुर नामक एक व्यक्ति की मौत हो गई। नालंदा जिले में हरनौत में एक कच्चे मकान के गिरने से मलबे की नीचे दबकर सात वर्षीय बच्ची की मौत हो गई।
इसी प्रकार की एक अन्य घटना में नवादा में मुफ्फसिल थाना क्षेत्र में ओरहनपुर गांव में रास्ता पार करते समय एक दीवार गिर गई, जिसके नीचे दबकर 60 वर्षीय मंती देवी की मौत हो गई। भागलपुर में अफरातफरी के दौरान बुद्धुचक गांव में बाजार से लौटते वक्त दिल का दौरा पड़ने से 65 वर्षीय हिमांशु शेखर झा की मौत हो गई। मुफ्फसिल थाना क्षेत्र में नेया गांव में मकान गिरने से तीन और अकबरपुर थाना क्षेत्र के फरहा गांव में छह लोग मामूली रूप से घायल हो गए।
किशनगंज जिले से प्राप्त खबर के अनुसार नगर थाना क्षेत्र में अस्पताल रोड के पास एक ब्यूटी पार्लर की दीवार ढह जाने के कारण प्रेम ठाकुर नामक एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। वहीं ठाकुरगंज थाना क्षेत्र में एक मंदिर में चार फीट की प्रतिमा तीन भाग में खंडित हो गई। आपदा प्रबंधन विभाग राज्य में हताहतों की संख्या और नुकसान का आकलन कर रहा है। राज्य भर में कई स्थानों से कच्ची दीवार और मकान गिरने की खबर है।
जमीन खिसकने की वजह से भी पहाड़ी रास्ते बंद हैं, तो कई जगहों पर सड़कों में दरार आने से कुछ इलाके कट गए हैं। कुछ इलाकों में बिजली बहाल हो गई है। खबर के मुताबिक नॉर्थ सिक्किम में सबसे ज्यादा क्षति हुई है। हाइवे में दरार आने से अभी तक राष्ट्रीय आपदा टीम गंगटोक नहीं पहुंच पाई हैं। वहीं भूकंप से बाकी जिलों में कितना नुकसान हुआ है, इसका अंदाजा नहीं लग पाया है।
सेना की लापता बस का पता लग गया है। सेना के सभी जवान सुरक्षित हैं। इस बीच, प्रधानमंत्री ने मरने वालों के परिवार को दो लाख और घायलों को एक लाख रुपये देने का ऐलान किया है। बचाव अभियान में सेना के करीब 5500 जवान तैनात हैं, जो कि फंसे हुए लोगों को निकालने और सड़कें खोलने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
राहत अभियान में जुटी सेना ने भूकंप से प्रभावित लोगों के लिए सिक्किम में बड़े-बड़े टेंट लगाए हैं, जिनमें लोगों को खाना मुहैया कराया जा रहा है। ITBP ने पेगगॉन्ग कैंप में 300 नागरिकों और 22 सैलानियों को सुरक्षित बाहर निकाल कर उनके लिए छत का इंतजाम किया। भूकंप की वजह से ठप हुई टेलीफोन लाइनें की वजह से सेना नॉर्थ और वेस्ट सिक्किम में अपनी टीमों से संपर्क नहीं बना पा रही है।
सड़कें जाम होने की वजह से आर्मी ने अपने पैदल दस्तों को सड़कों पर उतार दिया है, ताकि प्रभानित इलाकों में जल्द से जल्द मदद पहुंचाई जा सके। पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में भी भूकंप से खासा नुकसान हुआ है। यहां से सिक्किम की ओर जाने वाली तमाम सड़कें बंद हैं। भूकंप से दार्जिलिंग के कई इलाकों में जमीन खिसकने और भारी बारिश से सड़क संपर्क टूट गया है। कलीमपोंग में दो लोगों की मौत हुई है। भूकंप के बाद दार्जिलिंग के कई इलाकों में बिजली चली गई थी, जो आज सुबह बहाल हो गई।
सिलीगुड़ी और दार्जिलिंग में भूकंप से प्रभावित लोगों को राहत मुहैया कराने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद हालात पर नजर रख रही हैं। बंगाल में भूकंप से 5 लोग मारे गए हैं। राज्य सरकार ने मरनेवाले लोगों के परिवार के 2−2 लाख रुपये बतौर मुआवजा देने का ऐलान किया है।
भूकंप के झटके बिहार में भी महसूस किए गए और इस दौरान कच्चे मकानों की दीवार गिरने और अफरा-तफरी के कारण राज्य भर में 7 लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य लोग घायल हो गए। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रविवार की शाम करीब 6.13 बजे राज्य भर में विभिन्न स्थानों पर 10 सेकेंड से अधिक समय तक भूकंप के झाटके महसूस किए गए। उन्होंने बताया कि नवादा और किशनगंज जिले में भूकंप के झटकों के कारण दीवार गिरने की विभिन्न घटनाओं में 10 अन्य लोग घायल हो गए।
जिला के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रभारी बालमुकुंद प्रसाद ने बताया दरभंगा में सबसे अधिक चार लोगों की मौत हुई है। जिले के बहादुरपुर थाना अंतर्गत तरौनी गांव में अफरा तफरी के कारण गिरने से 16 वर्षीय मोहम्मद वसीम की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि जिले के केवटी थाना क्षेत्र में बिरानी गांव में समुद्री देवी नामक एक महिला का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
कुशेश्वरस्थान थाना क्षेत्र में उसरी गांव में झटकों के कारण भयभीत होकर तालाब में कूद जाने से चंद्रा देवी नामक एक महिला की डूबकर मौत हो गई। दरभंगा में कमतौल थाना क्षेत्र में ही एक अन्य घटना में सुरक्षित स्थान पर आश्रय के लिए जाने के प्रयास में दीवार से टकराकर कामेश्वर ठाकुर नामक एक व्यक्ति की मौत हो गई। नालंदा जिले में हरनौत में एक कच्चे मकान के गिरने से मलबे की नीचे दबकर सात वर्षीय बच्ची की मौत हो गई।
इसी प्रकार की एक अन्य घटना में नवादा में मुफ्फसिल थाना क्षेत्र में ओरहनपुर गांव में रास्ता पार करते समय एक दीवार गिर गई, जिसके नीचे दबकर 60 वर्षीय मंती देवी की मौत हो गई। भागलपुर में अफरातफरी के दौरान बुद्धुचक गांव में बाजार से लौटते वक्त दिल का दौरा पड़ने से 65 वर्षीय हिमांशु शेखर झा की मौत हो गई। मुफ्फसिल थाना क्षेत्र में नेया गांव में मकान गिरने से तीन और अकबरपुर थाना क्षेत्र के फरहा गांव में छह लोग मामूली रूप से घायल हो गए।
किशनगंज जिले से प्राप्त खबर के अनुसार नगर थाना क्षेत्र में अस्पताल रोड के पास एक ब्यूटी पार्लर की दीवार ढह जाने के कारण प्रेम ठाकुर नामक एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। वहीं ठाकुरगंज थाना क्षेत्र में एक मंदिर में चार फीट की प्रतिमा तीन भाग में खंडित हो गई। आपदा प्रबंधन विभाग राज्य में हताहतों की संख्या और नुकसान का आकलन कर रहा है। राज्य भर में कई स्थानों से कच्ची दीवार और मकान गिरने की खबर है।
Wednesday, September 14, 2011
आईआईटी की फीस चार गुना बढ़ाई जाएगी
नई दिल्ली : आईआईटी की फीस चार गुना बढ़ाने का प्रस्ताव है। आईआईटी काउंसिल की सिफारिश को सरकार ने स्वीकार कर लिया है। अब 50 हजार से दो लाख रुपये फीस कर दी जाएगी। सरकार का कहना है कि बढ़ी फीस नौकरी के बाद देनी होगी। यदि छात्र पढ़ाई के बाद नौकरी नहीं करता तब नौकरी लगने के बाद ही वह इस बढ़ी फीस को चुकाएगा। सरकार का यह भी दावा है कि इसका असर सिर्फ 25 फीसद छात्रों पर पड़ेगा। इस बढ़ी फीस के दायरे में तमाम आरक्षित श्रेणी के छात्र शामिल नहीं होंगे।
रघुबीर नगर में विशिष्ट पहचान पत्र कार्ड बनना जारी है।
विशिष्ट पहचान पत्र कार्ड बनाते हुए अधिकारी |
इसके प्रतिनिधि श्री बी .के.विन्दु ने आधुनिक इंडिया से कहा कि यह कार्ड आम आदमी के लिए ऐसा अधिकार है जिससे उन्हें एक ठोस पहचान मिलेगी, जिनके पास यह पहचान पत्र होगा उन्हें पहचान के लिए अन्य किसी चीज की जरूर नहीं होगी। पहचान कार्ड मतदाता कार्ड, चालक लाइसेंस अदि अभिलेखों पर जारी किया जाता है जिसमें पहले रसीद दी जाती है उसी के नब्बे दिन के अंतराल में कार्ड डाक के माध्यम से प्राप्त कराने का प्रावधान है।
नागरिक से अंगूठे के निशान लेते हुए अधिकारी |
Saturday, September 10, 2011
राजधानी दिल्ली की सड़कों पर जोरदार बारिश
बृहस्पतिवार रात से लगातार हो रही जोरदार बारिश के कारण शुक्रवार का सवेरा राजधानी दिल्ली की सड़कों पर निकले लोगों के लिए 'बुरे सपने' जैसा साबित हुआ... शहर के लगभग सभी इलाकों में सड़कों पर पानी भर गया, और कई-कई किलोमीटर लम्बे ट्रैफिक जाम लग गए, जिनमें दिल्लीवासी घटों फंसे रहे... जलभराव और जाम से सबसे ज़्यादा प्रभावित इलाकों में आईटीओ चौराहा, डीएनडी फ्लाइओवर, महारानी बाग, मूलचंद अंडरपास, धौला कुआं, नारायणा, मिन्टो रोड, गोविन्दपुरी, अधचिनी रोड, विकास मार्ग, पटपड़गंज फ्लाइओवर, डिफेंस कॉलोनी फ्लाइओवर, जीटीबी रोड और रेल भवन के पास रफी मार्ग भी शामिल रहे... इस चित्र में आईटीओ चौराहे का एक दृश्य दिखाई दे रहा है..
Thursday, September 1, 2011
गणेश चतुर्थी पर सुरक्षा के खास इंतजाम
आज गणेश चतुर्थी है। माना जाता है कि आज के ही दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। वैसे तो गणेश चतुर्थी पूरे देश में मनाई जाती है लेकिन महाराष्ट्र में इसे खास उत्साह से मनाया जाता है। पूरे महाराष्ट्र में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की जाती है और बड़े-बड़े पंडाल लगाए जाते है। मुंबई में इस बार पंडालों की सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। पंडालों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है जिससे आने जाने वाले सभी लोगों पर नजर रखी जा सके। 10 दिनों के उत्सव के बाद भगवान गणेश का विसर्जन किया जाता है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण का कहना है कि गणेश उत्सव को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं। जुलाई में हुए बम धमाकों को देखते हुए सुरक्षा के सारे उपायों पर पुलिस ध्यान दे रही है। चव्हाण ने इस सिलसिले में मुंबई में आला पुलिस अधिकारियों के साथ एक बैठक की। उन्होंने कहा कि खुफिया एंजेंसियों से मिल रही सारी सूचनाओं पर वो नजर बनाए हुए हैं। साथ ही उन्होंने आम लोगों से अपील की है कि 10 दिन चलने वाले गणेश उत्सव के दौरान लोग शांति बनाए रखें और पुलिस का सहयोग करें।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण का कहना है कि गणेश उत्सव को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं। जुलाई में हुए बम धमाकों को देखते हुए सुरक्षा के सारे उपायों पर पुलिस ध्यान दे रही है। चव्हाण ने इस सिलसिले में मुंबई में आला पुलिस अधिकारियों के साथ एक बैठक की। उन्होंने कहा कि खुफिया एंजेंसियों से मिल रही सारी सूचनाओं पर वो नजर बनाए हुए हैं। साथ ही उन्होंने आम लोगों से अपील की है कि 10 दिन चलने वाले गणेश उत्सव के दौरान लोग शांति बनाए रखें और पुलिस का सहयोग करें।
Saturday, August 27, 2011
अन्ना की तीनों मांगों को संसद ने माना....
पिछले 12 दिन से अनशन पर बैठे अन्ना हजारे से उपवास समाप्त करने का आग्रह करते हुए संसद ने लोकपाल विधेयक में गांधीवादी नेता की तीन प्रमुख मांगों पर ‘सैद्धांतिक रूप से’ सहमति जताते हुए उन्हें आगे के विचार के लिए संसद की संबंधित स्थायी समिति को भेजने का फैसला किया।
संसद में लोकपाल के गठन के बारे में दिनभर चली चर्चा के बाद दोनों सदनों में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा, ‘पूरे दिन की बहस के बाद सदन की यह भावना उभरकर आई है कि यह सदन तीन मांगों ‘सिटीजन चार्टर, राज्यों में लोकायुक्तों के गठन तथा एक समुचित तंत्र के जरिए निचले स्तर की नौकरशाही को लोकपाल के दायरे में लाने’ को सैद्धांतिक रूप से स्वीकार करता है।’ इस बीच, दोनों सदनों द्वारा यह भावना जाहिर किए जाने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘संसद ने अपनी बात कह दी है। संसद की इच्छा, जनता की इच्छा है।’ मुखर्जी ने कहा, ‘इन तीनों मुद्दों पर बनी सैद्धांतिक सहमति के आधार पर अन्ना हजारे से उनका अनशन समाप्त करने का अनुरोध किया जा सकता है।’ उन्होंने दोनों सदनों के आसन से आग्रह किया कि वह सदन की भावना तथा आज की कार्यवाही के बारे में लोकपाल पर विचार कर रही स्थायी समिति को अवगत कराएं ताकि मजबूत एवं प्रभावी लोकपाल बनाने में मदद मिल सके।
उनकी इस घोषणा का दोनों सदनों में उपस्थित सभी दलों के सदस्यों ने मेजें थपथपा कर जोरदार स्वागत किया
अन्ना ने फिर लिखा मनमोहन को खत...
अन्ना हजारे ने शुक्रवार, 26 अगस्त, 2011 को प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह को जो खत लिखा है, वह इस प्रकार है...
आदरणीय डॉ. मनमोहन सिंह जी,
मैं आपका और संसद का बहुत आभार मानता हूं कि आप सबने हमारे आंदोलन का सम्मान किया। हमारे मन में हमारी संसद के प्रति अपार सम्मान है। हमारी संसद हमारे जनतंत्र का पवित्र मंदिर है।
मैं अनशन पर अपने किसी स्वार्थ के लिए नहीं बैठा। जिस तरह आप लोग देश की भलाई के लिए काम कर रहे हैं, मैं भी देश के लोगों के बारे में ही सोचता हूं। मेरे पास किसी प्रकार की कोई सत्ता नहीं है। मैं बस एक सामान्य आदमी हूं और समाज व गरीब जनता के लिए कुछ करने की भावना रखता हूं।
हमारा यह आंदोलन किसी व्यक्ति या पार्टी के खिलाफ नहीं है। हम भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं। भ्रष्ट व्यवस्था को बदलना चाहते हैं। यदि हमारे आंदोलन के दौरान मेरे अथवा मेरे साथियों के द्वारा कुछ ऐसे शब्द कहे गए हों, जिससे आपको अथवा किसी अन्य व्यक्ति को चोट पहुंची हो तो मैं सबकी तरफ से दिलगीर व्यक्त करता हूं। किसी को भी आहत करना हमारा मकसद नहीं है।
भ्रष्टाचार की वजह से देश में आम आदमी का जीना मुश्किल हो गया है। दुनियाभर में हमारे देश की बदनामी हो रही है। मुझे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस पर रोक लगेगी। इसके लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा। नियम, कायदे, कानून जनता के लिए हैं, जनता के ऊपर नहीं हैं। यदि भ्रष्टाचार को तुरंत रोकने के लिए हमें तुरंत कुछ नए कायदे बनाने पड़े या कुछ कानून बदलने भी पड़ें तो हमें हिचकना नहीं चाहिए।
एक आम आदमी जब भ्रष्टाचार की वजह से पिसता है तो मुझसे बर्दाश्त नहीं होता। आम आदमी को पीस रहे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए जनलोकपाल बिल में तीन प्रावधान हैं -
- हर राज्य में इसी कानून के ज़रिए लोकायुक्त भी बनाए जाएं।
- हर विभाग जन समस्याओं के लिए नागरिक संहिता बनाए, जिसे न मानने पर संबद्ध अधिकारी को दंड मिले।
- ऊपर से नीचे तक केन्द्र सरकार के सभी कर्मचारी लोकपाल के दायरे में लाए जाएं और इसी तरह राज्य सरकार के कर्मचारी लोकपाल के दायरे में हों।
क्या इन तीनों बातों का प्रस्ताव संसद में लाया जा सकता है? मुझे उम्मीद ही नहीं, यकीन है कि हमारे सभी सांसद देश की जनता को रोज-रोज के भ्रष्टाचार की जिल्लत से निजात दिलाने के लिए, शुरू में, इन तीनों बातों पर सहमत हो जाएंगे।
मेरी अंतरात्मा कहती है कि इन बातों पर संसद में सहमति होने पर मैं अपना अनशन तोड़ दूं। जनलोकपाल की बाकी बातें, जैसे चयन प्रक्रिया इत्यादि, भी भ्रष्टाचार को रोकने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। मैं मेरी जनता के साथ तब तक रामलीला मैदान में बैठा रहूंगा, जब तक बाकी मुद्दों पर संसद में निर्णय नहीं हो जाता, क्योंकि यह जनता की आवाज है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ देश भर में चल रहे इस आंदोलन में भाग लेने के लिए मैं आपका और सभी सांसदों का आवाह्न करता हूं। यह सभी का देश है और हम सभी को मिलकर इसे सुधारना होगा।
भवदीय
कि. बा. तथा अण्णा हज़ारे
मैं आपका और संसद का बहुत आभार मानता हूं कि आप सबने हमारे आंदोलन का सम्मान किया। हमारे मन में हमारी संसद के प्रति अपार सम्मान है। हमारी संसद हमारे जनतंत्र का पवित्र मंदिर है।
मैं अनशन पर अपने किसी स्वार्थ के लिए नहीं बैठा। जिस तरह आप लोग देश की भलाई के लिए काम कर रहे हैं, मैं भी देश के लोगों के बारे में ही सोचता हूं। मेरे पास किसी प्रकार की कोई सत्ता नहीं है। मैं बस एक सामान्य आदमी हूं और समाज व गरीब जनता के लिए कुछ करने की भावना रखता हूं।
हमारा यह आंदोलन किसी व्यक्ति या पार्टी के खिलाफ नहीं है। हम भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं। भ्रष्ट व्यवस्था को बदलना चाहते हैं। यदि हमारे आंदोलन के दौरान मेरे अथवा मेरे साथियों के द्वारा कुछ ऐसे शब्द कहे गए हों, जिससे आपको अथवा किसी अन्य व्यक्ति को चोट पहुंची हो तो मैं सबकी तरफ से दिलगीर व्यक्त करता हूं। किसी को भी आहत करना हमारा मकसद नहीं है।
भ्रष्टाचार की वजह से देश में आम आदमी का जीना मुश्किल हो गया है। दुनियाभर में हमारे देश की बदनामी हो रही है। मुझे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस पर रोक लगेगी। इसके लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा। नियम, कायदे, कानून जनता के लिए हैं, जनता के ऊपर नहीं हैं। यदि भ्रष्टाचार को तुरंत रोकने के लिए हमें तुरंत कुछ नए कायदे बनाने पड़े या कुछ कानून बदलने भी पड़ें तो हमें हिचकना नहीं चाहिए।
एक आम आदमी जब भ्रष्टाचार की वजह से पिसता है तो मुझसे बर्दाश्त नहीं होता। आम आदमी को पीस रहे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए जनलोकपाल बिल में तीन प्रावधान हैं -
- हर राज्य में इसी कानून के ज़रिए लोकायुक्त भी बनाए जाएं।
- हर विभाग जन समस्याओं के लिए नागरिक संहिता बनाए, जिसे न मानने पर संबद्ध अधिकारी को दंड मिले।
- ऊपर से नीचे तक केन्द्र सरकार के सभी कर्मचारी लोकपाल के दायरे में लाए जाएं और इसी तरह राज्य सरकार के कर्मचारी लोकपाल के दायरे में हों।
क्या इन तीनों बातों का प्रस्ताव संसद में लाया जा सकता है? मुझे उम्मीद ही नहीं, यकीन है कि हमारे सभी सांसद देश की जनता को रोज-रोज के भ्रष्टाचार की जिल्लत से निजात दिलाने के लिए, शुरू में, इन तीनों बातों पर सहमत हो जाएंगे।
मेरी अंतरात्मा कहती है कि इन बातों पर संसद में सहमति होने पर मैं अपना अनशन तोड़ दूं। जनलोकपाल की बाकी बातें, जैसे चयन प्रक्रिया इत्यादि, भी भ्रष्टाचार को रोकने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। मैं मेरी जनता के साथ तब तक रामलीला मैदान में बैठा रहूंगा, जब तक बाकी मुद्दों पर संसद में निर्णय नहीं हो जाता, क्योंकि यह जनता की आवाज है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ देश भर में चल रहे इस आंदोलन में भाग लेने के लिए मैं आपका और सभी सांसदों का आवाह्न करता हूं। यह सभी का देश है और हम सभी को मिलकर इसे सुधारना होगा।
भवदीय
कि. बा. तथा अण्णा हज़ारे
Tuesday, August 16, 2011
दिल्ली के चार फर्जी बोर्ड जिनसे रहें सावधान
दिल्ली . ‘8वीं फेल 9वीं करें और 10वीं फेल सीधे 12वीं करें’ जैसे लुभावने विज्ञापनों को देखकर अपनी पढ़ाई पूरी करने की चाह रखने वाले छात्र सावधान हो जाएं, क्योंकि कहीं ऐसा न हो जाए कि उनको दी जाने वाली मार्क्सशीट ही फर्जी बोर्ड से जारी की गई हो।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर की मानें तो राजधानी में चार फर्जी बोर्ड चल रहे हैं और अगर इनके खिलाफ शिकायत मिलती है तो कड़ी ...कार्रवाई की जाएगी।
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से इन सभी चारों बोर्ड को लेकर अलर्ट जारी किया गया है जिसमें बताया गया कि किस तरह से केन्द्र सरकार के प्रतीक व नाम सम्बंधी एक्ट 1950 के सेक्शन 3 के तहत बिना मंजूरी के कोई भी व्यक्ति अपने ट्रेड, बिजनेस, पेशे के साथ-साथ पेटेंट टाइटल में केन्द्र सरकार का नाम या इससे मान्यता प्राप्त होने का दावा नहीं कर सकता है।
संयुक्त आयुक्त केवल सिंह की ओर से जारी इस नोटिस में साफ किया गया है कि राजधानी में चार फर्जी बोर्ड चल रहे हैं और इनसे बचकर रहें। इन चार बोर्ड के नाम ऑल इंडिया बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन, गाजीपुर, दिल्ली, बोर्ड ऑफ एडल्ट एजुकेशन, सेंट्रल बोर्ड ऑफ हाईयर एजुकेशन, वाचस्पति भवन, उत्तम नगर, दिल्ली व बोर्ड ऑफ एडल्ट एजुकेशन एंड ट्रेनिंग, ब्रह्मपुरी, नई दिल्ली है।
नोटिस में यह भी साफ किया गया है कि इन बोर्ड से बचकर रहा जाए और यदि इनके खिलाफ किसी भी तरह शिकायत मिलती है तो पुलिस कानून के तहत कड़ी कार्रवाई करेगी। उघर, सीबीएसई के अधिकारियों की मानें तो वेबसाइट पर जारी इस अलर्ट के जरिए ज्यादा से ज्यादा छात्रों को इस बात की जानकारी दी जा रही है कि वह किसी भी तरह के बहकावे में न आएं और अपनी पढ़ाई के लिए मान्यता प्राप्त बोर्ड का ही चुनाव करें, क्योंकि कहीं ऐसा न हो कि पढ़ाई करने के बाद भी योग्यता अधूरी रह जाए ।
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हिरासत में अन्ना, अनशन जारी
दिल्ली : पुलिस अन्ना को तिहाड़ ले गई। इससे पहले मजिस्ट्रेट ने उन्हें सात दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। मंगलवार की सुबह अन्ना और उनके साथियों की गिरफ्तारी हुई। दिल्ली पुलिस ने मंगलवार सुबह सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और उनके साथियों को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए जाने के बाद भी अन्ना हजारे का अनशन जारी है। उन्हें मेडिकल चेकअप के लिए ले जाया जा रहा है। अन्ना हजारे मंगलवार सुबह जयप्रकाश नारायण पार्क में जनलोकपाल विधेयक की मांग को लेकर अनशन आरंभ करने वाले थे। दिल्ली के मयूर विहार इलाके से अन्ना हजारे को हिरासत में लिया गया। उनके साथ करीब 250 समर्थकों ने भी गिरफ्तारियां दी। उनके मुख्य सहयोगियों- अरविंद केजरीवाल और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की पूर्व अधिकारी किरण बेदी और वरिष्ठ अधिवक्ता शांति भूषण को भी हिरासत में लिया गया। अन्ना हजारे की गिरफ्तारी की खबर फैलने के साथ ही राजधानी भर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। इसके बाद पुलिस ने 500 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया।
अन्ना हजारे एवं केजरीवाल सुप्रीम एनक्लेव स्थित फ्लैट से जयप्रकाश नारायण पार्क जाने के लिए निकल रहे थे तभी लिफ्ट के पास सादी वर्दी में खड़े लगभग 20 पुलिस अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया। अन्ना हजारे को हिरासत में लिए जाने के समय वहां मौजूद सैकड़ों समर्थकों ने सरकार विरोधी नारे लगाए। उन्होंने अन्ना हजारे के समर्थन में भी नारेबाजी की। किसी भी घटना से निपटने के लिए सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए थे। पुलिस ने सड़क पर किसी तरह की अनहोनी से बचने के लिए मानव श्रृंखला बना रखी थी। हिरासत में लिए जाने से पूर्व अन्ना हजारे ने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा, ''मेरी गिरफ्तारी के बाद इस आंदोलन को मत रुकने दीजिए। यह आजादी की दूसरी लड़ाई है। पूरा विश्व जानता है कि भ्रष्टाचार किस कदर अपने पांव जमा चुका है।'' अन्ना हजारे ने कहा, ''मैं आपसे अपील करता हूं कि इस आंदोलन में किसी तरह की हिंसा न होने पाए। मैं युवा और बुजुर्ग लोगों से अपील करता हूं कि यदि जेल भरो आंदोलन की आवश्यकता पड़े तो आप अपने आठ दिन देश को समर्पित कीजिए।'' अन्ना हजारे के एक सहयोगी प्रशांत भूषण ने कहा, ''अन्ना हजारे को गिरफ्तार किया जाना गैरकानूनी एवं असंवैधानिक है। इस सरकार का लोकतांत्रित मूल्यों में कोई विश्वास नहीं है।'' कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त संतोष हेगड़े ने अन्ना हजारे की गिरफ्तारी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। रोमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता किरण बेदी को राजघाट से हिरासत में लिया गया। इसके बाद उन्होंने कहा, ''जब अन्ना ने पुलिसकर्मियों से पूछा कि उन्हें किस आरोप में हिरासत में लिया जा रहा है। तो पुलिस ने कहा कि उन्हें ऐसा करने का आदेश दिया गया है।'' बेदी ने कहा, ''दिल्ली पुलिस इस तरह के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों को सम्भालने में सक्षम है.. ये गिरफ्तारियां ऊपर के आदेश से ही हुई हैं। इस तरह के हथकंडे आपातकाल के दौरान अपनाए गए थे।'' उधर, कांग्रेस नेता एवं केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अम्बिका सोनी ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया कि दिल्ली पुलिस पर किसी तरह का राजनीतिक दबाव है। राजनीतिक मामलों की कैबिनेट की बैठक के बाद उन्होंने कहा, ''पुलिस किसी राजनीतिक दबाव में नहीं है। पुलिस स्वतंत्र रूप से काम कर रही है।'' सोनी ने कहा, ''मैं मानती हूं कि अन्ना के समर्थक हिंसा नहीं करेंगे, लेकिन इस बात की गारंटी कौन दे सकता है कि दो-तीन प्रदर्शनकारी हिंसा नहीं करेंगे और सम्पत्ति को या किसी की जान को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे?'' भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अन्ना हजारे की गिरफ्तारी की निंदा की है और इस परिस्थिति की तुलना 1975 के आपातकाल से की है। भाजपा प्रवक्ता रविशंक प्रसाद से कहा, ''यह खेदजनक और निदंनीय है। यह सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ आवज उठाने वाले हर व्यक्ति को कुचलने पर तुली हुई है।'' प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हजारे की गिरफ्तारी के बाद की स्थिति का जायजा लेने के लिए राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति की आपात बैठक बुलाई थी।
Thursday, July 14, 2011
Karnataka chief Minister Mr. B. S. Yeddyurappa releases the second edtion of Book Let in New Delhi on july 13
Wednesday, July 6, 2011
सुपर-30 के संस्थापक आनंद असाधारण हीरो की सूची में
समाज के गरीब तबके के बच्चों को आईआईटी जेईई की प्रवेश परीक्षा के लिए मुफ्त तैयारी कराने वाले गणितज्ञ आनंद कुमार को प्रसिद्ध यूरोपीय पत्रिका फोकस ने असाधारण लोगों की सूची में शुमार किया है। लोकप्रिय विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इतिहास, स्वास्थ्य और सामाजिक विषयों पर रोचक और ज्ञानवर्धक आलेख प्रकाशित करने वाली इतालवी पत्रिका ने अपने एक लेख में आनंद को असाधारण प्रतिभाओं में शुमार किया है।
फोकस का प्रकाशन प्रतिष्ठित पब्लिशिंग हाउस अरनाल्डो मोनाडाडोरी एडिटोरी द्वारा किया जाता है और यह पत्रिका 1992 से प्रकाशित हो रही है। फोकस ने अपने आलेख में आनंद के साथ प्रसिद्ध धावक इवानो ब्रुनेटी और डेविड विलियम्स जैसे खिलाड़ियों की भी चर्चा की है। पत्रिका ने आनंद को प्रतिभाओं में निखार लाने वाली शख्सियत करार दिया है। इस आलेख में आनंद की तुलना कोयेल की किताब इनकुबेटरी द टैलेंट के नायक से की गयी है। वहीं एक और सम्मान प्रदान करते हुए गणितज्ञों के प्रतिष्ठान अमेरिकन मैथेमैटिक्स सोसाइटी ने अपनी पत्रिका मैथ डाइजेस्ट में आनंद को नायक के समान करार दिया है। पत्रिका के आलेख में लिजा दे क्यूकेलियर ने लिखा है कि आनंद असली जुझारू नायक की तरह हैं, जो माफिया की धमकी के बावजूद गरीब बच्चों को ज्ञान दे रहे हैं। उन्होंने 212 बच्चों को अपने मार्गदर्शन में आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में सफलता दिलाई है। आनंद इससे पहले भी कई सम्मान से विभूषित किये जा चुके हैं। प्रसिद्ध पत्रिका टाइम ने द बेस्ट ऑफ एशिया सूची में उन्हें शुमार किया था। वहीं न्यूजवीक पत्रिका ने भी आनंद की सुपर-30 को विश्व के चार प्रयोगधर्मी स्कूलों की सूची में शुमार किया था। विज्ञान और खोज संबंधी प्रसिद्ध चैनल डिस्कवरी ने भी आनंद के सुपर 30 पर एक घंटे के वृत्तचित्र का प्रसारण किया था।
Thursday, June 2, 2011
Massage
यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि आधुनिक इंडिया पाक्षिक हिंदी समाचार पत्र अपनी प्रथम वर्षगाठ मना रहा है, जो एक सराहनीय प्रयास है.
मै समाचार पत्र के सम्मेलन के आयोजन कि सफलता हेतु अपना सुभकामनाये प्रेषित करता हूँ.
हामिद अंसारी
माननीय उपराष्ट्रपति , भारत सरकार
Dear D.K.Chauhan,
I am extremely happy to know that the "AADHUNIK INDIA" a fortnightly newspaper is completing its one of its existence.
I hopes that "AADHUNIK INDIA" will touch the lives of millions of people by its unbiased views on various current issues and will become the voice of the common man in coming years.
I wishes the publication all success.
Shri Ranjeet S. Mooshahary
Governor of Meghalaya मुझे यह जानकर ख़ुशी का आभास हो रहा है की, प्रिय दिनेश कुमार चौहान जो असम से सम्बन्ध रखता है, अपने अथक प्रयासों के द्वारा "आधुनिक इंडिया" हिंदी समाचार पत्र का सफलता पूर्वक प्रकाशन दिल्ली से पिछले एक वर्ष से कर रहा है. "आधुनिक इंडिया" हिंदी समाचार पत्र के प्रकाशन का एक वर्ष पूरा होने पर मैं प्रिय दिनेश कुमार चौहान को बधाई देता हूँ.
मैं आशा करता हूँ कि "आधुनिक इंडिया" समाचार पत्र पाठोको के मापदंडो पर भविष्य में खरा उतरते हुए इसी प्रकार जनसेवा में लगा रहेगा.
मैं आशा करता हूँ कि "आधुनिक इंडिया" समाचार पत्र पाठोको के मापदंडो पर भविष्य में खरा उतरते हुए इसी प्रकार जनसेवा में लगा रहेगा.
शुभकामोनाओ सहित
डॉ. मुकुन्दकाम शर्मा
न्यायमूर्ती उच्चतम न्यायलय
My dear Shri D.K.Chauhan,
I am extremely happy to know that "AADHUNIK INDIA" is celebrating its first anniversary on 15.02.2011. On this happy occasion, I wish to extend my best wishes and grand success for this Hindi Fortnightly National Newspaper.
H.S.BRAHMA
ELECTION COMMISSION OF INDIA
Dear D.K.Chauhan,
I am happy to learn that "AADHUNIK INDIA" a Fortnightly Hindi Newspaper is going to complete one year of its useful existence and to mark the occasion, the Fortnightly will be bringing out a special publication.
I wish the venture all success.
AGATHA SANGMA
Minister of state for Rural Development
Government of India
I am happy to know that "AADHUNIK INDIA" fortnightly Hindi National Newspaper, is completing its one years of successful publication, on 15th February 2011.
I extend my good wishes to all the employee of "AADHUNIK INDIA", on this occasion.
SUSHMA SWARAJ
LEADER OF OPPOSITION
(LOK SABHA)
मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि "आधुनिक इंडिया " राष्ट्रीया हिंदी पाक्षिक समाचार पत्र का प्रकाशन का एक वर्ष पूर्ण हो रहा है. मुझे पूर्ण आशा है कि आधुनिक इंडिया समाचार पत्र पत्रकारिता के उच्च आदर्शो का निर्वहन करते हुए भाईचारे व सदभावना की भावना विकसित करने के साथ साथ पाठकों को उपयोगी जानकारी उपलब्ध करने में मददगार होगा.
मैं आधुनिक इंडिया समाचार पत्र के सफल प्रकाशन के लिए अपनी शुभकामनाए प्रेषित करती हूँ.
शीला दीक्षित
माननीया मुख्यमंत्री
दिल्ली सरकार
प्रिय दिनेश कुमार चौहान जी,
मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि राष्ट्रीय हिंदी समाचार पत्र "आधुनिक इंडिया" नई दिल्ली द्वारा अपने प्रकाशन का एक वर्ष पूर्ण कर रहा है. लोकत्रांतिक प्रणाली मई पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ और पत्रकारों को समाज का सजग प्रहरी माना जाता है. वैश्वीकरण के इस युग में पत्रकारिता में विविधता एवं बहुरूपता आई है, जिशसे पत्रकारों की जिम्मेवारी भी बढ़ गई है. समाचार पत्र सरकार एवं जनता के बीच एक मजबूत कड़ी का कार्य करते है.
मुझे आशा है कि "आधुनिक इंडिया" पत्रकारिता के छेत्र में उच्च मानदंडो स्थापित करते हुए सरकार की प्रगतिशील एवं कल्याणकारी नीतियों को जनता तक पहुचाने तथा जनता के विचारों से सरकार को अवगत करवाने में महतापूर्ण भुय्मिका निभाता रहेगा.
मैं "आधुनिक इंडिया" समाचार पत्र के सफलता पूर्वक एक वर्ष पूर्ण होने पर अपनी शुभकामनाए देता हूँ.
भूपेंद्र सिंह हूड्डा
माननीया मुख्यमंत्री
हरियाणा सरकार
प्रिय दिनेश कुमार चौहान जी,
यह प्रसन्नता का विषय है कि राष्ट्रीय समाचार पत्र "आधुनिक इंडिया" के प्रकाशन के एक वर्ष पुरे होने जा रहे है. समाचार पत्र समाज के समग्र विकास की दिशा निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है.नीति निर्माताओं से लेकर एक आम व्यक्ति तक आपसी संवाद के एक सशक्त माध्यम के रूप में समाचार पत्रों ने अपनी अहम् भूमिका का निर्वहन बखूबी किया हैं. "आधुनिक इंडिया" समाचार पत्र पत्रकारिता के नवीन सौपानों को प्राप्त करते हुए एक विशिष्ट पहचान के रूप में लोकप्रिय होगा, ऐसा मेरा विस्वास है.
राष्ट्रीय हिंदी समाचार पत्र "आधुनिक इंडिया" समाचार पत्र के प्रकाशन के एक वर्ष पूर्ण होने पर मेरी और से हार्दिक बधाई एवं आत्मीय शुभकामनाएं.
डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक'
माननीय मुख्मंत्री
उतराखंड सरकार
Friday, May 6, 2011
Thursday, April 28, 2011
Wednesday, April 27, 2011
ये हैं भारतीय बिल गेट्स
सुहास गोपीनाथ ने 14 साल की उम्र में वेबसाइट बना कर अपना और अपने देश का नाम पूरी दुनिया में रोशन कर दिया। एक बार कामयाबी का स्वाद चखने के बाद इन्होंने कभी मुड़ कर नहीं देखा। 2007 में यूरोपीय संसद ने इन्हें यंग अचीवरअवॉर्ड से और 2008 में विश्व आर्थिक मंच ने इन्हें यंग ग्लोबल लीडर का सम्मान दिया। सुहास की कामयाबी पर रुचि की रिपोर्ट
बेंग्लुरू में रहने वाले सुहास गोपीनाथ की सफलता और उम्र का कोई ताल-मेल नहीं है। जिस उम्र में बच्चे गलियों में खेलते हैं और स्कूल में दोस्तों के साथ झगड़ा करते हैं, उस वक्त सुहास ने बतौर प्रोफेशनल डेवलपर अपनी पहली वेबसाइट coolhindustan.com बना कर सभी का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर लिया। किसी वेबसाइट के संस्थापक बनने वालों में वे सबसे कम उम्र के थे।
ऐसा नहीं है कि उन्हें सभी चीजें चांदी की थाली में परोसी हुई मिलीं। कंपनी शुरू करने से पहले उन्होंने अपने माता-पिता को बताया कि वे एक हॉबी क्लब से जुड़े हुए हैं, जिसे वे अपना खाली वक्त देते हैं। लेकिन बाद में जब उन्हें सुहास की कंपनी के बारे में पता चला तो वे सुहास की पढ़ाई और उनके भविष्य को लेकर काफी सोच-विचार करने लगे। एक वेबसाइट को दिए अपने इंटरव्यू में उन्होंने बताया, ‘भारत में किसी की कामयाबी का मुख्य पैमाना उसकी अच्छी पढ़ाई को माना जाता है और कई मामलों में यहां तक कि शादी के लिए एक अच्छे पार्टनर का मिलना भी इसी बात पर निर्भर होता है। लेकिन मेरे माता-पिता ने मुझे मेरे सपनों को पूरा करने में हमेशा साथ दिया।’
जहां एक तरफ सुहास के माता-पिता उनके साथ थे, वहीं दूसरी तरफ बजाए इसके कि सरकार ऐसे प्रतिभाशाली छात्र की मदद करे, उसे प्रोत्साहित करे, उन्होंने सुहास की कंपनी को यहां रजिस्टर करने से ही मना कर दिया। उनके मुताबिक उस समय सुहास की आयु भारतीय कानूनों के मानकों के हिसाब से कम थी। ऐसे में सुहास ने वर्ष 2000 में अमेरिका के केलिफोर्निया से अपनी कंपनी ‘ग्लोबल्स इंक’ का काम शुरू किया। आज ग्लोबल्स इंक देखते ही देखते एक मल्टीनेशनल इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से जुड़ी सेवाएं मुहैया कराने वाली कंपनी बन गई है और दुनिया के 11 से भी अधिक देशों में अपना कारोबार कर रही है।
16 साल की उम्र में एक कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) और अध्यक्ष बनने की वजह क्या रही, इस बारे में अपने उन्होंने इंटरव्यू में कहा, ‘मैं हमेशा से अपना बॉस खुद बनना चाहता था। मेरा मानना है कि अगर आपका काम किसी कंपनी या संस्था के लिए फायदेमंद हो सकता है तो फिर क्यों न खुद की संस्था या कंपनी के लिए काम किया जाए? इस कंपनी को शुरू करने के लिए एक और चीज जिसने मुझे प्रेरित किया, वह थी कि मैं बेरोजगार और पढ़ाई छोड़ चुके लोगों के टेलेंट को बढ़ाने में मदद करना चाहता था, जिससे उन्हें तकनीकी क्षेत्र में रोजगार मिले।’
17 वर्ष की आयु में प्रमुख मीडिया हाउसेज जैसे बीबीसी, वॉशिंगटन टाइम्स, दि एज आदि ने उन्हें वर्ल्डस यंगेस्ट सीईओ का खिताब दे डाला। सिर्फ इतना ही नहीं, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डस में भी उनका नाम दुनिया के सबसे कम उम्र वाले सीईओ के रूप में दर्ज है। यहां तक कि भारतीय मीडिया में उन्हें भारतीय बिल गेट्स के नाम से भी जाना जाने लगा। दरअसल सुहास की प्रेरणा के सबसे बड़े स्रोत बिल गेट्स ही हैं।
उनका कहना है, ‘ग्लोबल्स इंक के पीछे माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन के संस्थापक बिल गेट्स मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं। एक बार जब वे बेंग्लुरू आए थे तो मेरी मुलाकात उनसे हुई थी। उस वक्त उन्होंने कहा था कि मुझे तुमसे डरना चाहिए, क्योंकि तुम्हारी महत्त्वाकांक्षाएं भी मेरी तरह हैं। मैं यह सुन कर काफी हैरान हुआ था कि वे दूसरों से कितने प्यार से बात करते हैं। मैं चाहता हूं कि मेरी कंपनी की कामयाबी की कहानी भी माइक्रोसॉफ्ट की ही तरह हो।’ इतनी छोटी उम्र में इतनी कामयाबी के बावजूद सुहास ने अपने पैरों तले की जमीन को हिलने नहीं दिया। यहां तक कि जिस वक्त उनकी कंपनी ग्लोबल्स इंक ने 5 लाख अमेरिकी डॉलर का कारोबार किया, उस वक्त भी उन्होंने अपने पापा से अपनी पॉकेट मनी लेना बंद नहीं किया।
फैक्ट फाइल
जन्म तिथि: 4 नवंबर 1986
पद: ग्लोबल्स इंक के मुख्य कार्याधिकारी और अध्यक्ष
पहली सफलता: 14 वर्ष की आयु में प्रोफेशनल वेब डेवलपर के रूप में coolhindustan.com का निर्माण
सम्मान: सीएनबीसी और ई-बिजनेस की ओर से 16 वर्ष में वर्ल्डस यंगेस्ट इंटरप्रेन्योर का सम्मान।
कर्नाटक सरकार की ओर से राज्योत्सव सम्मान।
2007 में यूरोपीय संसद की ओर से यंग अचीवर अवॉर्ड
2008 में विश्व आर्थिक मंच की ओर से यंग ग्लोबल लीडर का सम्मान
सामाजिक उत्तरदायित्व: पेटा के ब्रान्ड अंबेसेडर
बेंग्लुरू में रहने वाले सुहास गोपीनाथ की सफलता और उम्र का कोई ताल-मेल नहीं है। जिस उम्र में बच्चे गलियों में खेलते हैं और स्कूल में दोस्तों के साथ झगड़ा करते हैं, उस वक्त सुहास ने बतौर प्रोफेशनल डेवलपर अपनी पहली वेबसाइट coolhindustan.com बना कर सभी का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर लिया। किसी वेबसाइट के संस्थापक बनने वालों में वे सबसे कम उम्र के थे।
ऐसा नहीं है कि उन्हें सभी चीजें चांदी की थाली में परोसी हुई मिलीं। कंपनी शुरू करने से पहले उन्होंने अपने माता-पिता को बताया कि वे एक हॉबी क्लब से जुड़े हुए हैं, जिसे वे अपना खाली वक्त देते हैं। लेकिन बाद में जब उन्हें सुहास की कंपनी के बारे में पता चला तो वे सुहास की पढ़ाई और उनके भविष्य को लेकर काफी सोच-विचार करने लगे। एक वेबसाइट को दिए अपने इंटरव्यू में उन्होंने बताया, ‘भारत में किसी की कामयाबी का मुख्य पैमाना उसकी अच्छी पढ़ाई को माना जाता है और कई मामलों में यहां तक कि शादी के लिए एक अच्छे पार्टनर का मिलना भी इसी बात पर निर्भर होता है। लेकिन मेरे माता-पिता ने मुझे मेरे सपनों को पूरा करने में हमेशा साथ दिया।’
जहां एक तरफ सुहास के माता-पिता उनके साथ थे, वहीं दूसरी तरफ बजाए इसके कि सरकार ऐसे प्रतिभाशाली छात्र की मदद करे, उसे प्रोत्साहित करे, उन्होंने सुहास की कंपनी को यहां रजिस्टर करने से ही मना कर दिया। उनके मुताबिक उस समय सुहास की आयु भारतीय कानूनों के मानकों के हिसाब से कम थी। ऐसे में सुहास ने वर्ष 2000 में अमेरिका के केलिफोर्निया से अपनी कंपनी ‘ग्लोबल्स इंक’ का काम शुरू किया। आज ग्लोबल्स इंक देखते ही देखते एक मल्टीनेशनल इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से जुड़ी सेवाएं मुहैया कराने वाली कंपनी बन गई है और दुनिया के 11 से भी अधिक देशों में अपना कारोबार कर रही है।
16 साल की उम्र में एक कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) और अध्यक्ष बनने की वजह क्या रही, इस बारे में अपने उन्होंने इंटरव्यू में कहा, ‘मैं हमेशा से अपना बॉस खुद बनना चाहता था। मेरा मानना है कि अगर आपका काम किसी कंपनी या संस्था के लिए फायदेमंद हो सकता है तो फिर क्यों न खुद की संस्था या कंपनी के लिए काम किया जाए? इस कंपनी को शुरू करने के लिए एक और चीज जिसने मुझे प्रेरित किया, वह थी कि मैं बेरोजगार और पढ़ाई छोड़ चुके लोगों के टेलेंट को बढ़ाने में मदद करना चाहता था, जिससे उन्हें तकनीकी क्षेत्र में रोजगार मिले।’
17 वर्ष की आयु में प्रमुख मीडिया हाउसेज जैसे बीबीसी, वॉशिंगटन टाइम्स, दि एज आदि ने उन्हें वर्ल्डस यंगेस्ट सीईओ का खिताब दे डाला। सिर्फ इतना ही नहीं, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डस में भी उनका नाम दुनिया के सबसे कम उम्र वाले सीईओ के रूप में दर्ज है। यहां तक कि भारतीय मीडिया में उन्हें भारतीय बिल गेट्स के नाम से भी जाना जाने लगा। दरअसल सुहास की प्रेरणा के सबसे बड़े स्रोत बिल गेट्स ही हैं।
उनका कहना है, ‘ग्लोबल्स इंक के पीछे माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन के संस्थापक बिल गेट्स मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं। एक बार जब वे बेंग्लुरू आए थे तो मेरी मुलाकात उनसे हुई थी। उस वक्त उन्होंने कहा था कि मुझे तुमसे डरना चाहिए, क्योंकि तुम्हारी महत्त्वाकांक्षाएं भी मेरी तरह हैं। मैं यह सुन कर काफी हैरान हुआ था कि वे दूसरों से कितने प्यार से बात करते हैं। मैं चाहता हूं कि मेरी कंपनी की कामयाबी की कहानी भी माइक्रोसॉफ्ट की ही तरह हो।’ इतनी छोटी उम्र में इतनी कामयाबी के बावजूद सुहास ने अपने पैरों तले की जमीन को हिलने नहीं दिया। यहां तक कि जिस वक्त उनकी कंपनी ग्लोबल्स इंक ने 5 लाख अमेरिकी डॉलर का कारोबार किया, उस वक्त भी उन्होंने अपने पापा से अपनी पॉकेट मनी लेना बंद नहीं किया।
फैक्ट फाइल
जन्म तिथि: 4 नवंबर 1986
पद: ग्लोबल्स इंक के मुख्य कार्याधिकारी और अध्यक्ष
पहली सफलता: 14 वर्ष की आयु में प्रोफेशनल वेब डेवलपर के रूप में coolhindustan.com का निर्माण
सम्मान: सीएनबीसी और ई-बिजनेस की ओर से 16 वर्ष में वर्ल्डस यंगेस्ट इंटरप्रेन्योर का सम्मान।
कर्नाटक सरकार की ओर से राज्योत्सव सम्मान।
2007 में यूरोपीय संसद की ओर से यंग अचीवर अवॉर्ड
2008 में विश्व आर्थिक मंच की ओर से यंग ग्लोबल लीडर का सम्मान
सामाजिक उत्तरदायित्व: पेटा के ब्रान्ड अंबेसेडर
साभार हिन्दुस्तान
Tuesday, April 26, 2011
दिल्ली में कार्टून वाच का कार्टून महोत्सव
दिल्ली : देश की एकमात्र कार्टून पत्रिका कार्टून वाच द्वारा प्रतिवर्श आयोजित कार्टून महोत्सव इस बार दिल्ली में किया जा रहा है. 29 अप्रैल 2011 को हिन्दी भवन दिल्ली में इसका उद्घाटन पूर्व राश्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम करेंगे. कार्टून वाच के सम्पादक त्रयम्बक शर्मा ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि इस बार कार्टून वाच की तरफ से लाईफ टाईम एचीवमेंट एवार्ड पांच वरिश्ठ कार्टूनिस्टों को दिया जायेगा. टाईम्स आफ इंडिया समूह के श्र...ी अजीत नैनन, नवभारत टाईम्स के पूर्व कार्टूनिस्ट श्री काक, मधुमुस्कान पत्रिका के नन्हा जासूस बबलू के रचयिता श्री हुसैन जामिन, छत्तीसगढ के श्री बी.वी.पांडुरंग राव जो अब बैंगलोर में हैं, और दिल्ली दैनिक जागरण के कार्टूनिस्ट श्री जगजीत राणा को इस वर्श कार्टून महोत्सव में लाईफ टाईम एचीवमेंट एवार्ड प्रदान किया जायेगाइसके अलावा कार्टून विधा को बढावा देने के लिये उल्लेखनीय कार्य करने के लिये विषेश रूप से केरला कार्टून एकेडमी के पूर्व सचिव एवं कार्टूनिस्ट श्री सुधीरनाथ को भी सम्मानित किया जायेगाइस ेगाइस कार्यक्रम में प्रदेश के संस्कृति मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल विषेश अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे. उल्लेखनीय है कि पूर्व के वर्शों में कार्टून महोत्सव में श्री आर.के.लक्ष्मण, श्री आबिद सुरती, चाचा चैधरी के जनक श्री प्राण, श्री सुधीर दर, श्री राजेन्द्र धोडपकर, श्री एच.एम.सूदन, श्री सुरेश सावंत और श्री श्याम जगोता सहित अनेक कार्टून हस्तियां सम्मानित हो चुकी हैं. इस महोत्सव में देश के विभिन्न हिस्सों से कार्टूनिस्ट शामिल हो रहे हैं. कार्टून वाच पत्रिका अपने प्रकाशन के पंद्रहवें वर्श पर हो रहे इस आयोजन के अवसर पर विषेश अंक का प्रकाशन भी करने जा रही है जिसका विमोचन डा. कलाम के हाथों होगा. इस अंक में इस बार सम्मानित किये जा रहे कार्टूनिस्टों के कार्टून प्रकाषित किये जायेंगे. श्री शर्मा ने बताया कि डा. अब्दुल कलाम कार्टून विधा को बहुत पसंद करते हैं और राश्ट्रपति पद में रहने के दौरान उन्होंने सभी समाचार पत्र के सम्पादकों से अनुरोध किया था कि वे कार्टून को प्रथम पृश्ठ में स्थान दें. ज्ञातव्य है कि श्री षर्मा दृवारा रचित कार्टून पात्र प्रिंस का विमोचन भी डा. कलाम ने चेन्नई में किया था. कार्टून वाच के विषेश अंक में भी डा. कलाम के कार्टून प्रकाशित किये जायेंगेकार्टून वाच पत्रिका ने विगत पंद्रह वर्शोंमें छत्तीसगढ का नाम देष के अलावा विदेशो में भी रोशान किया है. लंदन में दो सप्ताह इस पत्रिका द्वारा प्रदर्षनी लगाई गई, सम्पादक त्रयम्बक शर्मा का साक्षात्कार बीबीसी लंदन के हिन्दी रेडियो सेवा से किया गया, श्री शर्मा को नेपाल में आयोजित पांच देषों के कार्टूनिस्टों के सम्मेलन में आमंत्रित किया गया. हाल ही में कार्टून वाच ने दिल्ली में पहली बार आयोजित कामिक कन्वेन्षन - कामिकान में भी देश की एकमात्र कार्टून पत्रिका के रूप में भाग लिया था.
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