यहां उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री के अलावा संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, वित्त मंत्री पी चिदंबरम के अलावा संप्रग में शामिल शरद पवार तथा फारूक अब्दुल्ला उपस्थित थे।
वित्त मंत्री चिदंबरम ने इस साल के अपने बजट भाषण में भारतीय महिला बैंक शुरू करने की घोषणा की थी। आज के समारोह में महाराष्ट्र के गवर्नर के शंकरनारायणन तथा मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण भी मौजूद थे।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि भारत में महिलाओं के सशक्तीकरण तथा उनकी सुरक्षा के लिये अभी लंबे प्रयास की की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमने महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों के लिये कड़े दंड के प्रावधान को लेकर कानून को मजबूत बनाया है लेकिन अभी भी बहुत कुछ किये जाने की जरूरत है। यह स्थापित तथ्य है कि वित्त और बैंकिंग सुविधा की पहुंच से न केवल महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद मिलती है, बल्कि विकास का सामाजिक दायरा भी व्यापक होता है।’’
बैंक ने सात शाखाओं के साथ कामकाज शुरू किया है। सभी प्रकार की सेवाएं देने वाला बैंक मुख्य रूप से महिलाओं को सेवा देगा। मार्च के अंत तक शाखाओं की संख्या 25 होगी।
सिंह ने कहा कि महिला बैंक महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में केवल छोटा कदम है। अपने संबोधन में सोनिया गांधी ने गरीबी उन्मूलन और महिला सशक्तीकरण की दिशा में इंदिरा गांधी के योगदान को याद किया।
चिदंबरम के अनुसार महिला बैंक के निदेशक मंडल में आठ महिला सदस्यों को शामिल किया गया है। सार्वजनिक क्षेत्र का यह पहला बैंक है जिसके निदेशक मंडल के सभी सदस्य महिलाएं हैं।
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