नई दिल्ली ( डी के चौहान ) केंद्र सरकार ने ब्रह्मपुत्र पर चीन के तीन बांधों के निर्माण संबंधी आशंकाओं को दूर करते हुए शुक्रवार कहा कि नदी में अधिकतर जल अरुणाचल प्रदेश से आता है इसलिए इन परियोजनाओं से भारत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
जल संसाधन मंत्री हरीश रावत ने आठ से 12 अप्रैल तक ‘भारत जल सप्ताह’ मनाने की घोषणा के लिए होटल संगरीला में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत इस मामले को उच्च स्तर तक लेकर गया है। हमारे प्रधानमंत्री ने इस मामले पर चीन के राष्ट्रपति से बातचीत की थी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आठ मार्च को डरबन में ब्रिक्स सम्मेलन के इतर चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से इस विषय पर चर्चा की थी।
रावत ने कहा कि चीन में ब्रह्मपुत्र पर बन रहे बांधों से भारत के इस्तेमाल के पानी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। ब्रह्मपुत्र में अधिकतर जल अरुणाचल प्रदेश और अन्य स्थानों से आता है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आठ अप्रैल को भारत जल सप्ताह का उद्घाटन करेंगे। इस सम्मेलन के लिए अब तक 64 देशों से करीब 1758 प्रतिनिधियों के पंजीकरण किए जा चुके हैं। इस पांच दिवसीय सम्मेलन में 200 पर्चे प्रस्तुत किए जाएंगे। रावत ने नदियों में बढ़ता प्रदूषण, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में सूखा तथा राज्यों के बीच जल के बंटवारे समेत मंत्रालय की कुछ बड़ी चिंताओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जल नीति 2012 का लक्ष्य इन चुनौतियों से निपटना है। इस अवसर पर सुशील कुमार, जी मोहन कुमार, राजेश कुमार और ए बी पंड्या मौजूद थे।
जल संसाधन मंत्री हरीश रावत ने आठ से 12 अप्रैल तक ‘भारत जल सप्ताह’ मनाने की घोषणा के लिए होटल संगरीला में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत इस मामले को उच्च स्तर तक लेकर गया है। हमारे प्रधानमंत्री ने इस मामले पर चीन के राष्ट्रपति से बातचीत की थी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आठ मार्च को डरबन में ब्रिक्स सम्मेलन के इतर चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से इस विषय पर चर्चा की थी।
रावत ने कहा कि चीन में ब्रह्मपुत्र पर बन रहे बांधों से भारत के इस्तेमाल के पानी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। ब्रह्मपुत्र में अधिकतर जल अरुणाचल प्रदेश और अन्य स्थानों से आता है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आठ अप्रैल को भारत जल सप्ताह का उद्घाटन करेंगे। इस सम्मेलन के लिए अब तक 64 देशों से करीब 1758 प्रतिनिधियों के पंजीकरण किए जा चुके हैं। इस पांच दिवसीय सम्मेलन में 200 पर्चे प्रस्तुत किए जाएंगे। रावत ने नदियों में बढ़ता प्रदूषण, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में सूखा तथा राज्यों के बीच जल के बंटवारे समेत मंत्रालय की कुछ बड़ी चिंताओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जल नीति 2012 का लक्ष्य इन चुनौतियों से निपटना है। इस अवसर पर सुशील कुमार, जी मोहन कुमार, राजेश कुमार और ए बी पंड्या मौजूद थे।
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