नई दिल्ली :( डी के चौहान) असम की सबसे बड़ी साहित्य मंच असम साहित्य सभा ने पहली बार दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में योगदान करके देश विदेश की कई पाठको में विशेष आदर प्राप्त की। यहा प्रगति मैदान में चल रही विश्व पुस्तक मेंले में हाल नं 14 के स्टाल नं 100 में "असम साहित्य सभा" की कई विशिष्ट प्रकाशन दिखाई दी। इनमे से असम की सांस्कृतिक इतिहास,विश्वकोश , असम साहित्य सभा पत्रिका, असमोर जनजाति आरू संस्कृति, भूपेन हाजरिका जीवन आरू संग्राम आदि ग्रंथो ने पाठको को अपने और आकर्षण करने में समर्थ रहे। वही असम साहित्य सभा के अनुवाद ग्रंथ लेट्स लर्न आसामिस, फोक संगस ऑफ ट्राइबल कम्युनिटीस ऑफ़ असाम, द स्टडी ऑफ़ होदोनामी, ए फिव एसएक्स ऑफ़ प्लेस नेम स्टडी आदि अनुवाद ग्रंथो की भारी संख्या में बिक्री हुई। सभा के अधिकारी दर्शना गोस्वामी ने बताया कि सभा का यह पहला अनुभव काफी सुखद रहा और देश-विदेश के कई प्रकाशन व साहित्यकारों ने सभा की अन्य ग्रंथो का भी अध्ययन करने की इच्छा प्रकट की। उल्लेखनीय है कि सभा का स्टाल असमिया संस्कृति की कई अनमोल चीजों से सजायी गयी थी जिससे पाठक व दर्शकों ने विश्व स्तर में भाषा - संस्कृति के प्रचार-प्रसार की इस पहल को खूब सराहा।
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