Thursday, February 14, 2013

प्रधानमंत्री करेंगे बीसीआई स्वर्ण जयंती समारोह का उद्घाटन

पत्रकारों को संबोधित करते हुए बीसीआई के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा
व 
कार्यकारी समिति के अध्यक्ष श्री अपूर्व कुमार शर्मा 
 दिल्ली (डी के चौहान)  : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आगामी 16 फरवरी को भारतीय विधिज्ञ परिषद (बीसीआई) के स्वर्ण जयंती समारोह का विज्ञान भवन में औपचारिक उद्घाटन करेंगे। बीसीआई के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अल्तमश कबीर दो-​दिवसीय समारोह की अध्यक्षता करेंगे, जबकि केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री श्री अश्विनी कुमार सम्मानित अतिथि होंगे। एटर्नी जनरल गुलाम ई वाहनवती विशेष आमंत्रित अतिथि के तौर पर समारोह में शिरकत करेंगे। श्री मिश्रा ने बताया कि इस अवसर पर अलग-अलग सत्रों में होने वाली परिचर्चा में सर्वोच्च न्यायालय और विभिन्न उच्च न्यायालयों के अनेक न्यायाधीश, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, केंद्रीय मंत्री, महाधिवक्ता, वरिष्ठ अधिवक्ता, केंद्रीय एवं राज्य सरकारों के विधि अधिकारी, बार काउंसिल के विभिन्न राज्यों के पदाधिकारी, जाने-माने न्यायविद एवं शिक्षाविद हिस्सा लेंगे। उन्होंने बताया कि दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित 17 फरवरी को समापन समारोह में मुख्य अतिथि होंगी,जबकि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री डॉ. सी पी जोशी तथा  दिल्ली सरकार के विधि, न्याय एवं विधायी मामलों के मंत्री रमाकांत गोस्वामी क्रमश: विशिष्ट एवं विशेष अतिथि के रूप में शामिल होंगे। बीसीआई के उपाध्यक्ष श्री जफर अहमद खान ने बताया कि दोनों दिन के विभिन्न सत्रों में राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली, केंद्रीय वाणिज्य मंत्री आनन्द शर्मा, प्रवासी मामलों के मंत्री वायलार रवि, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी नारायणस्वामी, सांसद डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी, पूर्व कानून मंत्री राम जेठमलानी और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद सहित अनेक विधिवेत्ता और राजनीतिज्ञ शामिल होंगे। बीसीआई के प्रवक्ता श्री एस प्रभाकरन के अनुसार, इन सत्रों के दौरान न्यायिक प्रक्रिया में देरी, न्याय तक आम आदमी की पहुंच, वैश्वीकरण और विधिक पेशे पर इसका प्रभाव, त्वरित न्यायिक प्रक्रिया में वकीलों की भूमिका, जजों के जजके रूप में भारतीय बार की छवि के पुन: आंकलन, पेशेगत नैतिकता, मुद्दे एवं चुनौतियों, संवैधानिकता तथा विधिक एवं न्यायिक प्रक्रियाओं में मीडिया की भूमिका जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। श्री प्रभाकरन ने बताया कि बार से संबंधित समस्याओं यथा- ग्रामीण विधिक सेवाओं के लिए बार को विकसित किया जाना, निरंतर विधिक शिक्षा प्रशिक्षण, ज्ञान एवं कौशल विकास, अधिवक्ताओं के कल्याण संबंधी उपायों, पेंशन योजना लागू करना, जूनियर वकीलों के मानदेय तय करना आदि, को लेकर वृहद विचार विमर्श किया जाएगा। कार्यकारी समिति के अध्यक्ष श्री अपूर्व कुमार शर्मा ने कहा कि स्वर्ण जयंती समारोह में विधिक शोध एवं कानून सुधार आदि के क्षेत्र में बीसीआई की जिम्मेदारी तथा कानूनी पेशे से जुड़े लोगों का पेशागत ज्ञान सशक्त बनाने और उनका पेशागत कौशल बढ़ाने के लिए संपूरक शैक्षणिक कार्यक्रम शुरू करने की दिशा में बीसीआई की प्रगतिशील भूमिका पर भी चर्चा की जाएगी। बीसीआई के सह-अध्यक्ष श्री भूपिन्दर सिंह राठौड़ एवं अन्य सदस्यों ने मीडिया से अपील की कि वे सम्मेलन में हुए विचार-विमर्श के महत्वपूर्ण बिंदुओं को व्यापक कवरेज दें ताकि महत्वपूर्ण कानूनी मुद्दों पर देशव्यापी बहस शुरू हो सके।

Sunday, February 10, 2013

विस्व पुस्तक मेले में असम साहित्य सभा

नई दिल्ली :( डी के चौहान) असम की सबसे बड़ी साहित्य मंच असम साहित्य सभा ने पहली बार दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में योगदान करके देश विदेश की कई पाठको में विशेष आदर प्राप्त की। यहा  प्रगति मैदान में चल रही विश्व पुस्तक मेंले  में हाल नं 14 के स्टाल नं 100 में "असम  साहित्य सभा" की कई विशिष्ट प्रकाशन दिखाई दी। इनमे से असम  की सांस्कृतिक इतिहास,विश्वकोश , असम  साहित्य सभा पत्रिका, असमोर जनजाति आरू संस्कृति, भूपेन हाजरिका जीवन आरू  संग्राम आदि ग्रंथो ने पाठको को अपने और आकर्षण करने में समर्थ रहे। वही असम साहित्य सभा के अनुवाद ग्रंथ लेट्स लर्न आसामिस, फोक संगस ऑफ ट्राइबल कम्युनिटीस ऑफ़ असाम, द स्टडी ऑफ़ होदोनामी, ए  फिव एसएक्स ऑफ़ प्लेस नेम स्टडी आदि अनुवाद ग्रंथो की भारी संख्या में बिक्री हुई। सभा के अधिकारी दर्शना गोस्वामी ने बताया कि  सभा का यह पहला अनुभव काफी सुखद रहा और देश-विदेश के कई प्रकाशन व साहित्यकारों ने सभा की अन्य ग्रंथो का भी अध्ययन करने की इच्छा प्रकट की। उल्लेखनीय है कि  सभा का स्टाल असमिया संस्कृति की कई अनमोल चीजों से सजायी गयी थी जिससे पाठक व दर्शकों  ने विश्व स्तर में भाषा - संस्कृति के प्रचार-प्रसार की इस पहल को खूब सराहा। 

Monday, February 4, 2013

नई दिल्‍ली विश्‍व पुस्‍तक मेला का सुभारंभ


नई  दिल्ली: (डी के चौहान ) एक सप्‍ताह तक चलने वाले नई दिल्‍ली विश्‍व पुस्‍तक मेला – 2013 की आज यहां शुरूआत हुई। पुस्तक मेले का उद्घाटन  मानव संसाधन विकास राज्‍य मंत्री डाक्‍टर शशि थरूर ने दीप जलाकर सुभारंभ किया। पुस्‍तक मेले का उद्घाटन करते हुए मानव संसाधन विकास राज्‍य मंत्री डाक्‍टर शशि थरूर ने कहा कि पुस्‍तकों, फिल्‍मों और कला में प्रतिस्‍पर्धी असहिष्णुता का बढ़ना अच्‍छा संकेत नहीं है। उन्‍होंने कहा कि जो लोग इन मुद्दों पर अलग राय रखते हैं, उन्‍हें इनपर प्रतिबंध लगाने की मांग करने की जगह तर्क एवं परिचर्चा करनी चाहिए। उन्‍होंने प्रकाशन के क्षेत्र में डिजिटल क्रांति को बढ़ावा देने पर जोर दिया। 

पुस्‍तक मेले का उद्घाटन करते हुए मानव संसाधन विकास राज्‍य मंत्री डाक्‍टर शशि थरूर

     इससे पहले भारतीय सांस्‍कृतिक संबंध परिषद के अध्‍यक्ष डॉक्‍टर करण सिंह ने अपने भाषण में देश में मूल्‍य आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने का आह्वान किया, क्‍योंकि इससे युवाओं को सकारात्‍मक मूल्‍यों को सिखाने में मदद मिलेगी। इस अवसर पर भारत में फ्रांस के राजदूत श्री फ्रेंकोईस रिचियर ने भी अपने विचार व्‍यक्‍त किये। 



इस पुस्‍तक मेले में चीन, अमरीका, पोलैंड, तुर्की सहित लगभग 23 देश और चार अंतरराष्‍ट्रीय एजेंसियां भाग ले रहे हैं।


Friday, February 1, 2013

अभिजीत बरुआ ने लगातार तीन रिकार्ड बनाया

 दिल्ली 1 फरवरी (डी के चौहान) असम  के होनहार पुत्र अभिजीत बरुआ ने आज लगातार तीन रिकार्ड बनाकर देशवासियों को अपने और आकर्षित कर लिया। उन्होंने आज नई दिल्ली स्थित असम  भवन में एक मिनट में लगातार 387 मुक्केबाजी पेड पर सबसे ज्यादा पंच लगाकर एक साथ लिमका एशिया रिकार्ड, असिस्ट वर्ल्ड रिकार्ड और  वर्ड यूनिवर्सिटी रिकार्ड बनाया है। उन्होंने आज एक मिनिट में मुक्केबाजी पेड़ पर सबसे ज्यादा पंच लगाकर अपने ही पुराने रिकार्ड (एक मिनिट में 329) तोड़ दिया। इस रिकार्ड को बनाकर ख़ुशी जाहिर करते हुए अभिजीत  ने कहा कि  यह रिकार्ड में असमवासियों के नाम समर्पित करता हु। 2016 में होनेवाले ओलिम्पिक में शामिल होकर असम  का नाम रोशन करने का बात  कहकर उन्होंने कहा की पिछले वर्ष इसी दिन नंगे पैर 24 घंटे में 156.2 किलोमीटर दौड़कर गिनीज बुक ऑफ़ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करने में सफल हुए थे। एक साल बाद फिर से इसी दिन में और एक रिकार्ड बनाने में सफल हुआ हु।  उन्होंने कहा की असम  के युवक-युवतीयों  में कितनी प्रतिभा है इसका प्रमाण यही से मिलता है। सरकार  अगर मदद करेगी तो वह अंतरराष्ट्रीय पर्याय में प्रशिक्षण लेंगे। 
उन्होंने इस रिकार्ड बनाने के पीछे जयंत कुमार तामुली को विशेष धन्यवाद दिया। ज्ञात हो कि जयंत कुमार तामुली  उनके द्वारा मारे  गए मुक्केबाजी पेड को सामना कर रहे थे। इस अबसर पर भारतीय बोक्सिंग फेडरेशन के सेक्रेटरी जनरल श्री राकेश ठाकरन असिस्ट वर्ड रिकार्ड से  आर राजेंद्रन, एशिया बुक ऑफ़ रिकार्डस से  रिंकी तोमर, वर्ल्ड रिकार्डस  यूनिवर्सिटी से रचना शर्मा, आल असम  बॉक्सिंग एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी श्री हेमंत कुमार कलिता, असम  भवन के अधिकारीगण, असम छात्र संगठन के कार्यकर्ता सहित कई गण्यमान्य व्यक्ति मौजूद थे।