Tuesday, July 16, 2013

पबन सिंह घटोवार ने पूर्वोत्तर परिषद की 62वीं वार्षिक बैठक की

62 वी  वार्षिक बैठक की अधक्षता करते हुए श्री पवन सिंह घटोवार  
नई दिल्ली (डी के चौहान ) केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), संसदीय कार्य राज्यमंत्री और पूर्वोत्तर परिषद के अध्यक्ष श्री पबन सिंह घटोवार ने आज नई दिल्ली में पूर्वोत्तर परिषद की 62वीं वार्षिक बैठक की अध्यक्षता की। परिषद के सदस्यों में पूर्वोत्तर राज्यों के सभी राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उनके प्रतिनिधि शामिल हैं। 

इस मौके पर श्री घटोवार ने बताया कि उनका मंत्रालय एनएलसीपीआर (केन्द्रीय) नाम से एक योजना शुरू की है। योजना के तहत एनएलसीपीआर के फंड से पूर्वोत्तर क्षेत्र में केन्द्रीय मंत्रालय द्वारा भारी निवेश वाली योजनाएं लागू होंगी। एनएलसीपीआर के तहत दस हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि जमा है। उन्होंने बताया कि उनका मंत्रालय सिक्किम और अरूणाचल प्रदेश के लिए तीन हजार करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से एक ऊर्जा वितरण परियोजना शुरू करने और मिजोरम में नीपको (एनईईपीसीओ) द्वारा तुरियल जल विद्युत परियोजना पूरी कराने की स्थिति में है। श्री घटोवार ने योजना आयोग से पूर्वोत्तर क्षेत्र में ऐसी परियोजनाएं पूरी करने के लिए एनएलसीपीआर (केन्द्रीय) के तहत पर्याप्त राशि उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। 

उन्होंने बताया कि केन्द्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) के पुनर्गठन पर बी.के.चतुर्वेदी समिति ने सीएसएस को और ज्यादा लचीला बनाने की सिफारिश की है। श्री घटोवार ने पूर्वोत्तर राज्यों से योजना आयोग को समिति की इस सिफारिश के संदर्भ में अपने सुझाव भेजने का आग्रह किया है। 

इस बैठक में पूर्वोत्तर राज्यों में रेल मंत्रालय, सड़क परिवहन एवं उच्च मार्ग, नागरिक उड्डयन,जहाजरानी, ऊर्जा, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी जैसे विभिन्न मंत्रालयों और सरकारी संगठनों द्वारा चलाये जा रहे विकास की विभिन्न गतिविधियों पर भी चर्चा हुई। इसमें राष्ट्रीय दक्षता विकास नियम, रबड़, मसाले, काफी, चाय, राष्ट्रीय बागवानी बोर्डों जैसे विभिन्न संगठनों द्वारा आजीविका से जुड़ी चलाई जा रही योजनाओं पर भी चर्चा हुई। इसमें पूर्वोत्तर परिषद की वार्षिक योजना और उसकी बजट पर बातचीत हुई। 

इस बैठक में अरूणाचल प्रदेश, नगालैंड, मेघालय, मिजोरम, सिक्किम और त्रिपुरा के राज्यपालों और अरूणाचल प्रदेश, मिजोरम, त्रिपुरा, सिक्किम, मणिपुर और मेघालय के मुख्यमंत्रियों सहित परिषद के अन्य सदस्य एवं केन्द्र और पूर्वोत्तर राज्यों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।