Saturday, August 27, 2011

अन्ना की तीनों मांगों को संसद ने माना....



पिछले 12 दिन से अनशन पर बैठे अन्ना हजारे से उपवास समाप्त करने का आग्रह करते हुए संसद ने लोकपाल विधेयक में गांधीवादी नेता की तीन प्रमुख मांगों पर ‘सैद्धांतिक रूप से’ सहमति जताते हुए उन्हें आगे के विचार के लिए संसद की संबंधित स्थायी समिति को भेजने का फैसला किया।

संसद में लोकपाल के गठन के बारे में दिनभर चली चर्चा के बाद दोनों सदनों में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा, ‘पूरे दिन की बहस के बाद सदन की यह भावना उभरकर आई है कि यह सदन तीन मांगों ‘सिटीजन चार्टर, राज्यों में लोकायुक्तों के गठन तथा एक समुचित तंत्र के जरिए निचले स्तर की नौकरशाही 
को लोकपाल के दायरे में लाने’ को सैद्धांतिक रूप से स्वीकार करता है।’ इस बीच, दोनों सदनों द्वारा यह भावना जाहिर किए जाने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘संसद ने अपनी बात कह दी है। संसद की इच्छा, जनता की इच्छा है।’ मुखर्जी ने कहा, ‘इन तीनों मुद्दों पर बनी सैद्धांतिक सहमति के आधार पर अन्ना हजारे से उनका अनशन समाप्त करने का अनुरोध किया जा सकता है।’ उन्होंने दोनों सदनों के आसन से आग्रह किया कि वह सदन की भावना तथा आज की कार्यवाही के बारे में लोकपाल पर विचार कर रही स्थायी समिति को अवगत कराएं ताकि मजबूत एवं प्रभावी लोकपाल बनाने में मदद मिल सके।

उनकी इस घोषणा का दोनों सदनों में उपस्थित सभी दलों के सदस्यों ने मेजें थपथपा कर जोरदार स्वागत किया

अन्ना ने फिर लिखा मनमोहन को खत...


अन्ना हजारे ने शुक्रवार, 26 अगस्त, 2011 को प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह को जो खत लिखा है, वह इस प्रकार है...
 
आदरणीय डॉ. मनमोहन सिंह जी,

मैं आपका और संसद का बहुत आभार मानता हूं कि आप सबने हमारे आंदोलन का सम्मान किया। हमारे मन में हमारी संसद के प्रति अपार सम्मान है। हमारी संसद हमारे जनतंत्र का पवित्र मंदिर है।

मैं अनशन पर अपने किसी स्वार्थ के लिए नहीं बैठा। जिस तरह आप लोग देश की भलाई के लिए काम कर रहे हैं, मैं भी देश के लोगों के बारे में ही सोचता हूं। मेरे पास किसी प्रकार की कोई सत्ता नहीं है। मैं बस एक सामान्य आदमी हूं और समाज व गरीब जनता के लिए कुछ करने की भावना रखता हूं।

हमारा यह आंदोलन किसी व्यक्ति या पार्टी के खिलाफ नहीं है। हम भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं। भ्रष्ट व्यवस्था को बदलना चाहते हैं। यदि हमारे आंदोलन के दौरान मेरे अथवा मेरे साथियों के द्वारा कुछ ऐसे शब्द कहे गए हों, जिससे आपको अथवा किसी अन्य व्यक्ति को चोट पहुंची हो तो मैं सबकी तरफ से दिलगीर व्यक्त करता हूं। किसी को भी आहत करना हमारा मकसद नहीं है।

भ्रष्टाचार की वजह से देश में आम आदमी का जीना मुश्किल हो गया है। दुनियाभर में हमारे देश की बदनामी हो रही है। मुझे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस पर रोक लगेगी। इसके लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा। नियम, कायदे, कानून जनता के लिए हैं, जनता के ऊपर नहीं हैं। यदि भ्रष्टाचार को तुरंत रोकने के लिए हमें तुरंत कुछ नए कायदे बनाने पड़े या कुछ कानून बदलने भी पड़ें तो हमें हिचकना नहीं चाहिए।

एक आम आदमी जब भ्रष्टाचार की वजह से पिसता है तो मुझसे बर्दाश्त नहीं होता। आम आदमी को पीस रहे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए जनलोकपाल बिल में तीन प्रावधान हैं -

- हर राज्य में इसी कानून के ज़रिए लोकायुक्त भी बनाए जाएं।

- हर विभाग जन समस्याओं के लिए नागरिक संहिता बनाए, जिसे न मानने पर संबद्ध अधिकारी को दंड मिले।

- ऊपर से नीचे तक केन्द्र सरकार के सभी कर्मचारी लोकपाल के दायरे में लाए जाएं और इसी तरह राज्य सरकार के कर्मचारी लोकपाल के दायरे में हों।

क्या इन तीनों बातों का प्रस्ताव संसद में लाया जा सकता है? मुझे उम्मीद ही नहीं, यकीन है कि हमारे सभी सांसद देश की जनता को रोज-रोज के भ्रष्टाचार की जिल्लत से निजात दिलाने के लिए, शुरू में, इन तीनों बातों पर सहमत हो जाएंगे।

मेरी अंतरात्मा कहती है कि इन बातों पर संसद में सहमति होने पर मैं अपना अनशन तोड़ दूं। जनलोकपाल की बाकी बातें, जैसे चयन प्रक्रिया इत्यादि, भी भ्रष्टाचार को रोकने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। मैं मेरी जनता के साथ तब तक रामलीला मैदान में बैठा रहूंगा, जब तक बाकी मुद्दों पर संसद में निर्णय नहीं हो जाता, क्योंकि यह जनता की आवाज है।

भ्रष्टाचार के खिलाफ देश भर में चल रहे इस आंदोलन में भाग लेने के लिए मैं आपका और सभी सांसदों का आवाह्न करता हूं। यह सभी का देश है और हम सभी को मिलकर इसे सुधारना होगा।

भवदीय

कि. बा. तथा अण्णा हज़ारे

Tuesday, August 16, 2011

दिल्ली के चार फर्जी बोर्ड जिनसे रहें सावधान

दिल्ली . ‘8वीं फेल 9वीं करें और 10वीं फेल सीधे 12वीं करें’ जैसे लुभावने विज्ञापनों को देखकर अपनी पढ़ाई पूरी करने की चाह रखने वाले छात्र सावधान हो जाएं, क्योंकि कहीं ऐसा न हो जाए कि उनको दी जाने वाली मार्क्‍सशीट ही फर्जी बोर्ड से जारी की गई हो।

दिल्ली पुलिस कमिश्नर की मानें तो राजधानी में चार फर्जी बोर्ड चल रहे हैं और अगर इनके खिलाफ शिकायत मिलती है तो कड़ी ...कार्रवाई की जाएगी।

केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से इन सभी चारों बोर्ड को लेकर अलर्ट जारी किया गया है जिसमें बताया गया कि किस तरह से केन्द्र सरकार के प्रतीक व नाम सम्बंधी एक्ट 1950 के सेक्शन 3 के तहत बिना मंजूरी के कोई भी व्यक्ति अपने ट्रेड, बिजनेस, पेशे के साथ-साथ पेटेंट टाइटल में केन्द्र सरकार का नाम या इससे मान्यता प्राप्त होने का दावा नहीं कर सकता है।

संयुक्त आयुक्त केवल सिंह की ओर से जारी इस नोटिस में साफ किया गया है कि राजधानी में चार फर्जी बोर्ड चल रहे हैं और इनसे बचकर रहें। इन चार बोर्ड के नाम ऑल इंडिया बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन, गाजीपुर, दिल्ली, बोर्ड ऑफ एडल्ट एजुकेशन, सेंट्रल बोर्ड ऑफ हाईयर एजुकेशन, वाचस्पति भवन, उत्तम नगर, दिल्ली व बोर्ड ऑफ एडल्ट एजुकेशन एंड ट्रेनिंग, ब्रह्मपुरी, नई दिल्ली है।

नोटिस में यह भी साफ किया गया है कि इन बोर्ड से बचकर रहा जाए और यदि इनके खिलाफ किसी भी तरह शिकायत मिलती है तो पुलिस कानून के तहत कड़ी कार्रवाई करेगी। उघर, सीबीएसई के अधिकारियों की मानें तो वेबसाइट पर जारी इस अलर्ट के जरिए ज्यादा से ज्यादा छात्रों को इस बात की जानकारी दी जा रही है कि वह किसी भी तरह के बहकावे में न आएं और अपनी पढ़ाई के लिए मान्यता प्राप्त बोर्ड का ही चुनाव करें, क्योंकि कहीं ऐसा न हो कि पढ़ाई करने के बाद भी योग्यता अधूरी रह जाए ।

हिरासत में अन्ना, अनशन जारी

 दिल्ली :  पुलिस अन्ना को तिहाड़ ले गई। इससे पहले मजिस्ट्रेट ने उन्हें सात दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। मंगलवार की सुबह अन्ना और उनके साथियों की गिरफ्तारी हुई।  दिल्ली पुलिस ने मंगलवार सुबह सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और उनके साथियों को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए जाने के बाद भी अन्ना हजारे का अनशन जारी है। उन्हें मेडिकल चेकअप के लिए ले जाया जा रहा है। अन्ना हजारे मंगलवार सुबह जयप्रकाश नारायण पार्क में जनलोकपाल विधेयक की मांग को लेकर अनशन आरंभ करने वाले थे। दिल्ली के मयूर विहार इलाके से अन्ना हजारे को हिरासत में लिया गया। उनके साथ करीब 250 समर्थकों ने भी गिरफ्तारियां दी। उनके मुख्य सहयोगियों- अरविंद केजरीवाल और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की पूर्व अधिकारी किरण बेदी और वरिष्ठ अधिवक्ता शांति भूषण को भी हिरासत में लिया गया। अन्ना हजारे की गिरफ्तारी की खबर फैलने के साथ ही राजधानी भर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। इसके बाद पुलिस ने 500 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया।